आचार्य विनोबा भावे के गीता प्रवचन - हिन्दी




लगभग एक वर्ष के प्रयत्न के बाद आचार्य विनोबा भावे के गीता प्रवचन का हिन्दी अनुवाद आपके सम्मुख प्रस्तुत है। प्रस्तावना और अठारह अध्याय यहाँ आपके श्रवण-सुख के लिए उपलब्ध है। यह सारा काम श्रीयुत भीष्म कुमार देसाई की प्रेरणा और अथक प्रयत्नों से हुआ है। आदरणीय देसाई जी ने स्वयं गुजराती अनुवाद का वाचन किया है। अंग्रेजी अनुवाद और मूल मराठी वाचन का कार्य अभी प्रगति पर है।

आवाज़ अनुराग शर्मा की परंतु गीता से उपजे श्रेष्ठ विचार आचार्य विनोबा भावे के ही हैं।

तिआनमान चौक, बाबा नागार्जुन और हिंदी फिल्में

चीन के तिआनमान चौक पर ४ जून १९८९ को हुए नरसंहार के बारे में लिखते समय बाबा नागार्जुन की पंक्ति अनायास ही ध्यान आ गयी थी. उस पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी ने उसी गीत की कुछ और पंक्तियाँ भी लिख दी थीं, उनका बहुत आभारी हूँ.


वैद्यनाथ मिश्र "यात्री" बाबा नागार्जुन
साहित्य में मेरा कोई विशेष अध्ययन नहीं है. जो किताबें मिलती हैं उन्हें पढने में विशेष रूचि नहीं होती है और जिन किताबों को ढूंढ रहा होता हूँ वे दुर्लभ होती जा रही हैं. फिल्मों के बारे में भी मेरा अनुभव कुछ अलग ही तरह का है. यदि कोई फिल्म मुझे पसंद आ जाए तो यह तय है कि वह फ्लॉप ही रही होगी. फिर भी अच्छी और ज़रा हट के बनी फिल्मों को देखने का लोभ संवरण नहीं कर पाता हूँ भले ही मेरे देखने भर से उस फिल्म का भविष्य खतरे में पड़ जाए. अच्छी फिल्में सदा ही बनती रही हैं - फर्क बस इतना है कि उन्हें देख पाने के लिए नसीब अच्छा होना चाहिए. पिछले कुछ वर्षों में भी कई लाजवाब फिल्में देखने को मिलीं. उन्हीं में से एक थी स्ट्रिंग्स. फिल्म अच्छी थी - कथावस्तु, पृष्ठभूमि, चित्रांकन और संगीत सभी दृष्टियों से. जो लोग भारत में रहते हुए भारतीय संस्कृति के मूल से कट चुके हैं उन्हें फिल्म की कथा अपारंपरिक लग सकती है - थोडा असहज भी कर सकती है. निर्देशन के बाद इस फिल्म में सबसे सशक्त पक्ष था संगीत का. असम के जुबीन गर्ग (बोडोठाकुर) के संगीत में सभी गाने मुझे इतने सुन्दर लगे कि मैंने शायद एक-एक गीत को हज़ार बार सुना होगा. संजय झा के निर्देशन में महाकुम्भ की पृष्ठभूमि में बनी इस फिल्म में जब मैंने बाबा नागार्जुन जी की वह रचना "मंत्र" सुनी तभी से इसके बारे में और जानने की इच्छा हुई. पता लगा कि बाबा ने यह रचना १९६९ में लिखी थी और १९७७ में इस पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था.

शायद आपको पसंद आये, इसी उम्मीद से उसका ऑडियो लगा रहा हूँ. गीत की जानकारी: स्वर: अंगराग मोहंता, सौरेन रॉयचौधरी और जुबीन गर्ग, रचयिता: बाबा नागार्जुन, फिल्म: स्ट्रिंग्स - बाउंड बाइ फेथ


मंत्र (ॐ) बाबा नागार्जुन (पूरी रचना)

ॐ श‌ब्द ही ब्रह्म है... ॐ श‌ब्द् और श‌ब्द और श‌ब्द
ॐ प्रण‌व‌, ॐ नाद, ॐ मुद्रायें, ॐ व‌क्तव्य‌, ॐ उद‌गार्, ॐ घोष‌णाएं
ॐ भाष‌ण‌... ॐ प्रव‌च‌न‌...
ॐ हुंकार, फ‌टकार, ॐ शीत्कार
ॐ फुस‌फुस‌, फुत्कार, ॐ चीत्कार
ॐ आस्फाल‌न‌, इंगित, ॐ इशारे
ॐ नारे और नारे और नारे
ॐ स‌ब कुछ, स‌ब कुछ, ॐ स‌ब कुछ
ॐ कुछ न‌हीं, कुछ न‌हीं, ॐ कुछ न‌हीं
ॐ प‌त्थ‌र प‌र की दूब, ख‌रगोश के सींग
न‌म‌क, तेल, ह‌ल्दी, जीरा, हींग
ॐ कोय‌ला, इस्पात, ॐ पेट्रोल‌
ॐ ह‌मी ह‌म ठोस‌, बाकी स‌ब फूटे ढोल‌
ॐ मूस की लेड़ी, क‌नेर के पात
ॐ डाय‌न की चीख‌, औघ‌ड़ की अट‌प‌ट बात

ॐ इद‌मान्नं, इद‌मापः इद‌म‌ज्यं, इदं ह‌विः
ॐ य‌ज‌मान‌, ॐ पुरोहित, ॐ राजा, ॐ क‌विः
ॐ क्रांतिः क्रांतिः क्रांतिः सर्वत्र क्रान्ति:
ॐ शांतिः शांतिः शांतिः सर्वत्र शांतिः
ॐ भ्रांतिः भ्रांतिः भ्रांतिः सर्वत्र भ्रांतिः
ॐ ब‌चाओ ब‌चाओ ब‌चाओ
ॐ ह‌टाओ ह‌टाओ ह‌टाओ
ॐ घेराव घेराव घेराव
ॐ निभाओ निभाओ निभाओ

ॐ द‌लों में एक द‌ल अप‌ना द‌ल
ॐ अंगीक‌रण, शुद्धिक‌रण, राष्ट्रीयक‌रण
ॐ मुष्टिक‌रण, तुष्टिक‌रण‌, पुष्टिक‌रण
ॐ ऎत‌राज़‌, आक्षेप, अनुशास‌न
ॐ ग‌द्दी प‌र आज‌न्म व‌ज्रास‌न
ॐ ट्रिब्यून‌ल‌, आश्वास‌न
गुट‌निरपेक्ष, स‌त्तासापेक्ष जोड़‌-तोड़‌
ॐ ब‌क‌वास‌, ॐ उद‌घाट‌न‌
ॐ मारण मोह‌न उच्चाट‌न‌
ॐ छ‌ल‌-छंद‌ मिथ्या होड़‌म‌होड़

ॐ काली काली काली म‌हाकाली
ॐ मार मार मार, वार न जाय खाली
ॐ अप‌नी खुश‌हाली
ॐ दुश्म‌नों की पामाली
ॐ मार, मार, मार, मार
ॐ अपोजीश‌न के मुंड ब‌नें तेरे ग‌ले का हार
ॐ ऎं ह्रीं क्लीं हूं आंग
ॐ ह‌म च‌बायेंगे तिल‌क और गाँधी की टांग
ॐ बूढे की आँख, छोक‌री का काज‌ल, तुल‌सीद‌ल
बिल्व‌प‌त्र, च‌न्द‌न, रोली, अक्ष‌त, गंगाज‌ल
ॐ शेर के दांत, भालू के नाखून‌, मरघट का फोता
ॐ ह‌मेशा ह‌मेशा राज क‌रेगा मेरा पोता

ॐ छूः छूः फूः फूः फ‌ट फिट फूट
ॐ श‌त्रुओं की छाती पर लोहा कूट
ॐ भैरों, भैरों, ॐ ब‌ज‌रंग‌ब‌ली
ॐ बंदूक का टोटा, पिस्तौल की न‌ली
ॐ डॉल‌र डॉल‌र, ॐ रूब‌ल रूब‌ल, ॐ पाउंड पाउंड
ॐ साउंड साउंड, ॐ साउंड साउंड, ॐ साउंड साउंड

ॐ ध‌रती, ध‌रती, ध‌रती, ध‌रती, ध‌रती, व्योम‌, व्योम‌, व्योम‌
ॐ अष्ट‌धातुओं की ईंटो के भ‌ट्टे
म‌हाम‌हिम, म‌हम‌हो उल्लू के प‌ट्ठे
ॐ दुर्गा, दुर्गा, तारा, तारा
इसी पेट के अन्द‌र स‌मा जाय स‌र्व‌हारा
ह‌रिः ॐ त‌त्स‌त‌!
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